शिवजी की पूजा मूर्ति तथा शिवलिंग दोनों रूपों में की जाती है शिव के गले में नाग देवता विराजमान करते हैं तथा उनके हाथों में डमरू और त्रिशूल होता है. नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ तदा https://shivchalisalyricsinpunjab40377.plpwiki.com/6250416/the_greatest_guide_to_shiv_chalisa_lyrics_in_marathi
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